ऊं ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।। अर्थात आप सिद्ध कुंजिका मंत्र का गुदगुदाकर जप करें। और आपकी अवाज दूर तक नहीं जानी चाहिए। सिद्ध कुंजिका मंत्र का जाप 15 मिनट तक करें।
संतान प्राप्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्त्रोत के कितने पाठ करें?
- नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिन ॥
- जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे । …
- क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते । …
- विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मंत्ररूपिण ॥
- धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी । …
- हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी । …
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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कैसे सिद्ध किया जाता है?
इसे सुनेंऊं ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।। अर्थात आप सिद्ध कुंजिका मंत्र का गुदगुदाकर जप करें। और आपकी अवाज दूर तक नहीं जानी चाहिए। सिद्ध कुंजिका मंत्र का जाप 15 मिनट तक करें।
दुर्गा सप्तशती को शापित क्यों है?
इसे सुनेंब्रम्हाजी ने फिर भगवान शिव से प्रार्थना की कि आपके सिवा कोई भी देवी के रौद्र रूप को शांत नहीं कर सकता है, इसलिए कृपया आप ही कुछ कीजिए और इस दौरान उदय होने वाले मां दुर्गा के रूप मंत्रों को शापित कर दीजिए, ताकि भविष्य में कोई भी इसका दुरूपयोग न कर सके।
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का वशीकरण के लिए कैसे प्रयोग करें?
केवल कुंजिका के पाठ मात्र से दुर्गा पाठ का फल प्राप्त हो जाता है। इसके पाठ मात्र से मारण, मोहन, वशीकरण, स्तम्भन और उच्चाटन आदि उद्देश्यों की एक साथ पूर्ति हो जाती है।
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- नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिन ॥
- जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे । …
- क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ।
दुर्गा सप्तशती को सिद्ध कैसे करें?
इसे सुनेंप्रथम दिन दुर्गा सप्तशती शुरू करने से पहले नर्वाण मंत्र “ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” का 108 बार पाठ जरूर करें। अर्गला, दुर्गा कवच, कीलक स्तोत्र, देवी के 108 नाम तथा सर्व कामना सिद्ध प्रार्थना प्रतिदिन पाठ के शुरू में पढ़े। पाठ के अंत में क्षमा प्रार्थना जरूर पढ़ें। यह विधि अत्यंत सरल मानी गई है।
दुर्गा सप्तशती का पाठ कब करना चाहिए?
इसे सुनेंनवरात्र के दिनों में मां दुर्गा के भक्त पूरे विधि विधान से 9 दिन पूजा करने के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। दुर्गा सप्तशती का पाठ ज्यादातर घरों में हर रोज किया जाता है लेकिन नवरात्र में इसका पाठ विशेष फलदायी माना जाता है।
कुंजिका का मतलब क्या होता है?
इसे सुनेंकुंजिका नाम का मतलब – Kunjika ka arth
कुंजिका नाम का मतलब जंगल की होता है।
दुर्गा पाठ कैसे किया जाता है?
इसे सुनें-दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले पुस्तक को लाल कपड़े पर रखकर उस पर अक्षत और फूल चढ़ाएं. पूजा करने के बाद ही किताब पढ़ना शुरू करें. -नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले और बाद में नर्वाण मंत्र ”ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे” का जाप करना (Mantra jaap) जरूरी होता है.
दुर्गा सप्तशती का पाठ कितने दिन में खत्म करना चाहिए?
इसे सुनेंपाठ आप 7 दिन तक करेंगे, अगर आप एक दिन में इन 13 अध्याय यानी तीनो चरित्रों का पाठ नहीं कर पाते हैं, तो आपको प्रथम दिन प्रथम अध्याय करना है। दूसरे दिन दो, पाठ, द्वितीय और तृतीय अध्याय करना चाहिए।
महिलाओं को कौन सा पाठ करना चाहिए?
इसे सुनेंइसलिए उनकी पूजा में कई ऐसे कार्य है जिन्हे महिलाओं को नहीं करना चाहिए । महिलाएं दीप अर्पित कर सकती हैं। महिलाएं गूगुल की धूनी रमा सकती हैं। महिलाएं हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं।
शापोद्धार कैसे करें?
इसे सुनेंइस मंत्र का आदि और अन्त में सात बार जप करें। यह शापोद्धार मंत्र कहलाता है। इसके अनन्तर उत्कीलन मन्त्र का जाप किया जाता है। ‘ॐ ह्रीं ह्रीं वं वं ऐं ऐं मृतसंजीवनि विद्ये मृतमुत्थापयोत्थापय क्रीं ह्रीं ह्रीं वं स्वाहा।
दुर्गा कवच कितने दिन में सिद्ध होता है?
इसे सुनें9 दिन में भी दुर्गा कवच सिद्ध हो जाता है। वहीं दुर्गा कवच को सिद्ध करने के लिए 1 वर्ष भी लग जाता है।
सम्पुट पाठ क्या होता है?
इसे सुनेंसंपुट पाठ विधि:
किसी विशेष प्रयोजन हेतु विशेष मंत्र से एक बार ऊपर तथा एक नीचे बांधना उदाहरण हेतु संपुट मंत्र मूलमंत्र-1, संपुट मंत्र फिर मूलमंत्र अंत में पुनः संपुट मंत्र आदि इस विधि में समय अधिक लगता है।
दुर्गा सप्तशती में वशीकरण मंत्र कौन सा है?
इसे सुनेंॐ ज्ञानि न मपि चेतान्शी देवी भग्वति हिसा । ग्रहा बलादा कृष्य मोहाय महामाया प्रयक्षति. ।। वशीकरण मंत्र के सही प्रयोग द्वारा आप निश्चित ही किसी स्त्री या पुरुष को अपने पक्ष में कर सकते हैं परन्तु वशीकरण मंत्र का प्रयोग तभी करना चाहिए यदि आपकी भावना सही है !
दुर्गा सप्तशती का पाठ कौन कौन से दिन कौन सा पाठ चाहिए?
इसे सुनेंपुराणों के अनुसार, गुरुवार के दिन से दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुरू किया जाए, तो दो लाख चंडी के पाठ करने जितना फल मिलता है. 1. किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन के साथ होती है, इसलिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले ध्यान रखें, कि गणेश पूजन करें.
दुर्गा सप्तशती कौन सा पाठ करना चाहिए?
इसे सुनेंकम समय में दुर्गा सप्तशती का संपूर्ण लाभ लेने के लिए सबसे पहले कवच, कीलक व अर्गला स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इसके बाद कुंजिका स्त्रोत का पाठ कर लें। ऐसा करने से दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का फल प्राप्त हो जाता है।
वशीकरण की देवी कौन सी है?
इसे सुनेंमहाविद्या मातंगी, केवल मात्र वचन द्वारा त्रिभुवन में समस्त प्राणियों तथा अपने घनघोर शत्रु को भी वश में करने में समर्थ हैं। जिसे सम्मोहन क्रिया या वशीकरण कहा जाता हैं। देवी सम्मोहन विद्या की अधिष्ठात्री हैं।
कवच को कैसे सिद्ध करें?
- किसी भी महाशक्ति के कवच को सिद्ध करने के हेतु उन शक्ति के तिथि का चयन करें। …
- सबसे पहले उस तिथि को सुर्योदय से पहले उठकर सभी नित्य कर्म निपटा लें। …
- पूजन सामग्री तैयार करें …
- लाल या पीला वस्त्र पहन लें। …
- आचमन पवित्रिकरण करके पहले गणपति पूजन तदुपरांत कवच के सिद्धि हेतु जप का संकल्प लें।
नाम से वशीकरण कैसे करें?
इसे सुनेंतथा उसको सात बार फोल्ड कर लीजिए और उसके ऊपर 108 बार ‘ऊँ नमों अमुको सम कुरू कुरू स्वाहा’ मंत्र का जप कीजिए। अमुक शब्द के स्थान पर आपको जिस व्यक्ति को वशीभूत करना है उसका नाम बोलना है। मंत्र जाप पूरा होते ही आप उस कागज को छिपा कर रख दें। हो सके तो आपके अपने तकिए के नीचे रख दें।

